योजनाएं
फ़िल्टर स्कीम श्रेणी वार
शौर्य दल
मध्यप्रदेश सरकार सदैव महिलाओं व बच्चों से संबंधित मुददों पर संवेदनषील रही है। महिलाओं के प्रति हिंसा एवं अपराधों को नियंत्रित करने की दृषिट से अनेको कानून और व्यवस्थाएं निर्मित है, व महिलाएं इसका उपयोग निडरता से कर सके इस हेतु कर्इ कदम भी उठाएं गए है। परन्तु परिवार एवं समुदाय के असहयोगात्मक व्यवहार केे कारण महिलाओं के विरूद्ध हिंसा व अपराध के प्रकरण थाने में दर्ज नही किए जाते…
मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना
योजना के तहत विपतितग्रस्त, पीडित, कठिन परिसिथतियों मेे निवास कर रही महिलाओं के आर्थिक सामाजिक उन्नयन हेतु स्थायी प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा ताकि रोजगार प्राप्त कर सके। यह प्रशिक्षण ऐसी संस्थाओं के माध्यम से दिया जायेगा जिन संस्थाओं व्दारा जारी डीग्रीप्रमाण पत्र शासकीयअशासकीय सेवाओं मे मान्य हो। प्रशिक्षण पर होने वाला पूर्ण व्यय जिसमें प्रशिक्षण शुल्क, आवासीय व्यवस्था शुल्क, भोजन एवं छात्रवृत्ति शामिल रहेगी। ऐसी महिलाओं का चयन जिला स्तर…
उषा किरण योजना (घरेलु हिंसा)
उषा किरण योजना अंतर्गत (घरेलू हिंसा) से पीड़ित महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 नियम 2006 के तहत् यानि ऐसा कार्य या हरकत जो किसी पीड़ित महिला एवं बच्चों (18 वर्ष से कम के बालक एवं बालिका) के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन को खतरा/संकट की स्थिति, आर्थिक नुकसान, क्षति जो असहनीय हो तथा जिससे महिला व बच्चे दुखी व अपमानित होते हो। इसके तहत् शारीरिक हिंसा, मौखिक व भावनात्मक हिंसा, लैगिक व…
प्रर्वतकता
निर्धन परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाता है ताकि वह अपने बच्चों का भरण-पोषण, शिक्षा एवं चिकित्सीय व्यवस्था कर सकें। प्रवर्तकता सहायता निम्न प्रकारों मे उपलब्ध करवाई जायेगीः निवारकःबच्चे के परिवार में बने रहकर अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए परिवारों को प्रवर्तकता (sponsorship) सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। यह बच्चों को निराश्रित/असुरक्षित बनने, भागने, बाल विवाह के लिए विवश किए जाने बाल श्रम मे ढकेले जाने, संस्था में…
पालन पोषण देखरेख
“18 वर्ष से कम आयु के निराश्रित, बेसहारा, परित्यक्त बच्चों के समग्र कल्याण एवं पुर्नवास हेतु गैर संस्थागत पालन पोषण एवं देखरेख हेतु फ़ॉस्टर केयर योजना (Foster Care) स्वीकृत हैं। योजना के तहत् बच्चों को अस्थाई रूप से पालन पोषण हेतु पालन पोषण देखरेख में तब तक के लिए सौंपा जाता है, जब तक कि उनकी पारिवारिक परिस्थितियां सुदृढ़ न हो जाए। ” पालन-पोषण देखरेख हेतु उपयुक्त बालक: ऐसे परिवारों…
दत्तक ग्रहण
“दत्तक ग्रहण ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से दत्तक ग्रहण किए गए बच्चे को उसके जैविक माता-पिता से स्थाई रूप से अलग किया जाता है और वह सभी अधिकारों, लाभों और दायित्वों के साथ अपने दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता के रूप में संदर्भित नये माता-पिता का कानूनी पुत्र बन जाता है। विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित किये गये निराश्रित, बेसहारा एवं अभ्यर्पित बालकों को दत्तक ग्रहण में दिया जाता…
समेकित बाल संरक्षण योजना
समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत 18 वर्ष तक के कठिन परिस्थतियों में रहने वाले देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले तथा विधि विवादित बच्चों को संरक्षण, सहायता एवं पुनर्वास प्रदान किया जाता है। योजना के तहत प्रदेश में विभिन्न प्रकार के 142 गृह संचालित है। इन गृहों में बच्चों के लिए पोषण, शिक्षण, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंगअनुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधारतथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में दिनॉक 01.04.2007 से लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की गई।जिनके माता-पिता मध्य प्रदेश के मूल निवासी हों, आयकर दाता न हों। द्वितीयबालिका के प्रकरण में आवेदन करने से पूर्व माता या पिता ने परिवार नियोजन अपनालिया हो।